नवजात शिशु को मालिश करने से क्या फायदे होते है ? क्या शिशु को रगडकर मालिश करना जरूरी है ?

आज हम जानेंगे नवजात शिशु को मालिश करने से क्या फायदे होते है ? मालिश किस तरीके से करना फायदेमंद होती है?

नवजात शिशु को मालिश करने से क्या फायदे होते है ?
नवजात शिशु को मालिश करने से क्या फायदे होते है ?

महिला की डिलीवरी होने के बाद महिला और नवजात शिशु के मालिश की जाती है। इसका कारन ये है की महिला को ९ महीने से लेकर डिलीवरी होने तक बहोत तकलीफों से गुजरना पड़ता है। डिलीवरी मतलब महिला का दूसरा जन्म ही होता है। इस वक्त गर्भ से बहार आने के लिए शिशु भी बहोत हलचल कर रहा है। और माँ को भी बहोत दर्द सेहन करना पड़ता है जिसका हम कुछ अंदाज़ा ही नहीं लगा सकते। इसलिए इस सब हालत से गुजरने के बाद शिशु और माँ को बहोत ही ज्यादा आराम की जरूरत होती है। इसलिए माँ और शिशु को मालिश की जाती है। लेकिन हर किसीकी अलग अलग सोच होती है। कई बड़े लोग कहते की बच्चे को मालिश करने से उनकी नाजुक हड्डिया मजबूत हो जाती है।बच्चे नाक अगर सही न हो तो उसे मालिश करके ठीक किया जा सकता है। लेकिन ये सब मिथ है।
मालिश करने जो फायदे होते है उसका कई लोगों को पता ही नहीं है। मालिश का सही तरीका क्या है उससे भी कई लोग वाकिफ है। नानी-दादी जीजिस तरीके से मालिश करते है उससे बच्चोंको जल्दी और अच्छी नींद आ जाती है। और शिशु हड्डिया मजबूत हो जाती है।

मालिश करने का सही तरीका

१) बच्चे को सुबह और शाम में २ बार मालिश करनी चाहिए।
२) सुबह और शाम में दूध पिने के ३० मिनट के बाद शिशु को मालिश करनी चाहिए।
३)ओरिजिनल नारियल तेल, कोई भी ओरिजिनल टिल का तेल जिसमे कुछ केमिकल की मिलावट न की हो उस तेल को मालिश के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। अगर कोई तेल बच्चे के त्वचा को सूट नहीं हो रहा हो तो उस तेल को इस्तेमाल करना तुरंत बंद कर देना चाहिए।
४)शिशु को जमीं पर कुछ बिछाके उस पारा रखने है। उसके बाद अपने हातो को तेल लगाकर पहले उसके सिर पर हलके हातोंसे मालिश करनी है। उनका सिर बहोत नरम होता है। इसलिए बिलकुल जोर नहीं देना है।
मालिश करते वक्त बच्चे से बात करना जरूरी है।

इसके बाद चेहरे पे मालिश करे। आँखों को मालिश करते समय तेल का उपयोग न करे आंखोके भौहों से एक सेंटर पॉइंट बनाके मसाज करेंगे। उसके बाद नाक से गाल तक उंगलीसे हलके सातों से मस्सग करना है। उसके बाद्द ओंठ के ऊपरी हिस्से में मालिश करे। इसके बाद उसके कानोंको हलके हातोंसे मसाज करे। फिर आते है शिशु के छाती पे दोनों हात ऊपर के तरफ लेकर जाते हुआ मालिश करनी है। उसके बाद पेट पैट दोनों हाथ रखकर नाभि के अर्ध गोलाकार मस्सग करनी है। इससे बच्चे को गैस से छुटकारा मिल जाता है। इसके बाद हातो पे तेल लेकर शिशु के पैरों पर लग्न अहइ। और हातो को अंदर से बहार के तरफ मालिश करनी है। और फिर दोनों पेअर ऊपर उठाकर शिशु के मुँह के तरफ आहिस्ते आहिस्ते है और फिर फिरसे धीरे धीरे निचे ले आने है। ये हमे ३ से ४ बार करना है। उसके बाद पैरोंके तलवो को मालिश करनी है। फिर शिशु को पेट पर लेटना है। और उसके पीठ को मसाज करनी है। पीठ के हड्डी को उँगलियों से थोड़ा हल्का प्रेशर देते हुए मालिश करनी है। आखिर में शिशु के हाथोंको तेल लगाकर ऊपर से अंदर की तरफ मालिश करनी है।शुरू में बच्चों को हल्के हाथों से ही मसाज करनी है धीरे-धीरे जैसे बच्चा बड़ा होता है वैसे ही हाथों की, उंगलियों में थोड़ा प्रेशर ला सकता है।

बच्चो को diaper पहनाना उनके लिए सुरक्षित है ? डायपर पहनाने से बच्चो के त्वचा को नुकसान पहुंचता है ?जानने के लिए इस लिंक पे क्लिक कीजिये https://dailyindiannews.com/%e0%a4%ac%e0%a4%9a%e0%a5%8d%e0%a4%9a%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a5%8b-diaper-%e0%a4%aa%e0%a4%b9%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%89%e0%a4%a8%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f/

मालिश कैसे की जाती है देखने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये .https://www.youtube.com/watch?v=3LU2-YNvRGg

हमे ज्यादा रगड़कर बच्चे को मालिश नहीं करनी है। एकदम आराम से जिससे बच्चे को भी मालिश करने में मजा आये। और वो एकदम तरोताजा महसूस करे।

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